![]() |
best love poetry in urdu |
نازکی اس کے لب کی کیا کہیے
پنکھڑی اک گلاب کی سی ہے
Nazki us kay lab ki kahiyay
Pankhari ik gulaab ki si ha
नाज़की अपने होठों के बारे में क्या कह सकती है?
पंखुड़ी गुलाब की तरह होती है
تمہارے ساتھ کا جب سے ملا ہے ساتھ مجھے
نہ جانے کیوں مجھے خود سے محبت ہونے لگی ہے
मैं तब से आपके साथ हूं
न जाने क्यों मुझे खुद से प्यार हो रहा है
......................................
میری ان میں باز آنکھوں میں
ساری مستی شراب کی سی ہے
मेरी आखों में
सारा मजा शराब जैसा है
...............................مختصر کہوں توسنو گے
بہت مختصر ہوں تمہارے بغیر
संक्षेप में, आप सुनेंगे
तुम्हारे बिना बहुत छोटा रहो
قیامت خیز ہیں آنکھیں تمہاری
تم آخر خواب کس کے دیکھتے ہو
कयामत का दिन जाहिर तौर पर आपका है
आप किसका सपना देखते हैं?
وحدت عشق کے قائل ہیں ہم صاحب
تم سے تم تک بس تم ہو
हम प्यार की एकता में विश्वास करते हैं, सर
आप से आप के लिए बस आप है
...............................مجھےجینے کی خواہش ہوتی ہے
اس کے مسکراہٹ دیکھ کر
मैं जीना चाहता हूँ
उसकी मुस्कान देखकर
....................................سوچ رہا ہوں چھوڑ کر شعر و شاعری
تیرے نچلے ہونٹ پر کتاب لکھ دو
मैं कविता छोड़ने की सोच रहा हूँ
अपने निचले होंठ पर किताब लिखें
.....................................زلف بکھرا کر جب وہ سر راہ چلے
غل اٹھا, شور مچا, مار چلے, مار چلے
सड़क पर चलते समय बालों को बिखेर दें
वे चिल्लाने और मारने लगे। चल दर
..........................................تیرے ہونٹوں سے کتنا مختلف ہے تیری ذات کا پہلو
اتنے نرم ہونٹوں سے کتنا سخت بولتے ہو تم
तुम्हारी जाति का पहलू तुम्हारे होठों से कितना अलग है
आप इतने कोमल होठों से कितनी मुश्किल से बात करते हैं
.....................................جیسے دھاگا ہو کوئی تسبیح میں
ایسے سانسوں کے درمیان ہو تم
माला में धागे की तरह
आप ऐसी सांसों के बीच हैं
...................................میں اتنی ہی خاموشی سے دیکھتا ہوں تمہیں
وہ کہتے ہیں نہ عبادت میں بولا نہیں جاتا
मैं तुम्हें बहुत चुपचाप देखता हूं
वे कहते हैं कि यह पूजा में नहीं बोला जाता है
..................................
میرا عشق ہو تیری ذات ہو پھر حسن عشق کی بات ہو
کبھی میں ملوکبھی تو ملے کبھی ہم ملے ملاقات ہو
मेरा प्यार तेरा सार हो, तो हो सकता है कि यह सुंदर प्रेम की बात हो
कभी मलिक से मिलते हैं तो कभी मिलते हैं
...................................................کیوں بار بار پوچھتے ہو محبت کی منزلیں
کہا نہ آخری سانس تک تیرے ہیں
आप प्यार के ठिकाने क्यों मांगते रहते हैं?
उन्होंने कहा, "आखिरी सांस तक नहीं।"
.....................................کچھ پل کا ساتھ دے کرتم نے
پل پل کے لیے بے چین کر دیا
मैंने इसे थोड़ी देर के लिए किया
एक पल के लिए चिंतित
..........................................وہ میری روح کی چادر میں آ کے چھپ گیا ایسے
کہ روح نکلے تو وہ نکلے, جب وہ نکلے تو روح نکلے
वह मेरी आत्मा के लबादे में आया और इस तरह छिप गया
जब आत्मा निकली, तो बाहर निकलीं, जब वे निकले, तो आत्मा निकली
......................................کیا کہا عشق جاودانی ہے
آخری بار مل رہی ہو کیا
क्या कहा जाता है प्यार शाश्वत है
आप आखिरी बार क्या मिले थे?
...............................اپنے دل سے کہہ دو کسی اور کی محبت کا نہ سوچے
اک میں ہی کافی ہوں تجھے ساری عمر چاہنے کے لیے
अपने दिल से कहो कि किसी और के प्यार के बारे में मत सोचो
मैं आपको जीवन भर प्यार करने के लिए काफी हूं
................................
0 Comments
Please do not do such a comment which is spam and do not paste any link.